सखि,
आज बड़े असमंजस में हूं । असमंजस यह है कि बड़े लोग बातें भी बड़ी बड़ी करते हैं मगर उनके काम उतने ही गंदे होते हैं । जितने भी लोग IAS बनते हैं और उनका साक्षात्कार आता है तब वे बड़ी बड़ी बातें करते हैं "हम तो देश की सेवा करने के लिए इस सेवा में आये हैं । देश को गरीबी, अशिक्षा , बीमारियों से मुक्त करवाने के लिए इस सेवा में आये हैं । लोग इन IAS अधिकारियों को सिर आंखों पर बैठाकर रखते हैं । मगर ये बातें कितनी हास्यास्पद लगती हैं जब किसी "सफेद हाथी" के घर से "नोटों का पहाड़" निकलता है या अकूत संपत्ति के कागज निकलते हैं । तब ऐसा महसूस होता है कि कोई भी व्यक्ति "सेवा" करने नहीं आता है, सब "मेवा" खाने के लिए ही आते हैं । यह सोचने वाली बात है कि करोड़ों रुपये का पैकेज त्यागकर कोई लाख दो लाख रुपये महीने की तनख्वाह पर नौकरी क्यों करेगा ? क्या सिर्फ देश सेवा के लिए ? अगर देश सेवा का इतना ही जज्बा था तो सेना में क्यों नहीं गये ? किसको बुद्धू बना रहे हैं ये लोग ? अब लोग मूर्ख नहीं हैं, सब जानते हैं । जो भी इस सेवा में आया है वही "धनकुबेर" पाया है । कुछ घटनाओं ने इस बात को पुष्ट किया है ।
अभी कल परसों की ही बात है , सखि । झारखंड में खान सचिव पूजा सिंघल के बहुत से ठिकानों पर ED ने दबिश दी । बताते हैं कि लगभग 20-25 खोका नकद रुपए मिले थे वहां पर । खबर सुनकर मन को तृप्ति हो गई । चाहे कुछ भी है जाये मगर इन IAS लोगों ने अपना स्टैंडर्ड बनाकर रखा हुआ है । IAS हैं तो इतने नोट तो मिलने ही चाहिए । इसे कहते हैं "क्लास" । मतलब "एलीट क्लास" । एक बात बहुत अच्छी लगती है इन IAS अफसरों की , "क्लास" का बहुत ध्यान रखते हैं ये । अपनी अलग पहचान बनाकर रखते हैं ये IAS । हर जगह "आम" लोगों से हटकर नजर आते हैं ये । 20-25 करोड़ रुपए जब किसी के पास नकद हों तो उसके पास सम्पत्ति कितनी होगी, कल्पना ही की जा सकती है । यदि औसतन वेतन 2 लाख रुपए महीने का भी मान लें तो एक साल का कुल वेतन 24 लाख रुपए होगा । 25 साल में कुल वेतन केवल 6 करोड़ रुपए होता है । यदि आधा भी खर्च करें तो बचत केवल 3 करोड़ रुपए की ही होनी चाहिए।
तो सखि, सोचने वाली बात है कि आखिर इतने रुपए कहां से आये ?
तुम्हें पता है सखि कि झारखंड में सबसे ज्यादा मलाई वाली पोस्ट कौन सी है ? अरे पगली , यही तो है जिस पर मोहतरमा पूजा सिंघल थीं । खान विभाग ही एक ऐसा विभाग है जहां खान में से "नोट" निकलते हैं । तुम्हें तो यह भी पता नहीं होगा कि झारखंड में खान विभाग हमेशा मुख्यमंत्री के पास ही रहता है । तो झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास ही है खान मंत्रालय । इस विभाग का सचिव तो कोई "कमाऊ पूत" ही होना चाहिए । तो IAS पूजा सिंघल से ज्यादा कमाऊ पूत और कौन है वहां पर ? तुम्हें मालूम है कि हेमंत सोरेन इकलौते ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने खुद अपने आप को खान आबंटित कर दी । जब सचिव पूजा सिंघल जैसे हों, तो कुछ भी हो सकता है । इसकी शिकायत चुनाव आयोग के पास गई है । जांच हो चुकी है । शिकायत सही पाई गई है । देखते हैं कि चुनाव आयोग कब हेमंत सोरेन को "अयोग्य" घोषित करता है । मतलब हेमंत सोरेन की कुर्सी जल्दी ही जाने वाली है ।
तो हम बात कर रहे थे पूजा की । इस देश में सब लोग पुजारी हैं । कोई किसकी पूजा करता है तो कोई किसकी । कोई "हुस्न" का पुजारी है तो कोई "इश्क" का । कोई "मधुशाला" की पूजा करता है तो कोई "सफेद पुड़िया" की । कुछ लोग भगवान राम, कृष्ण के भी पुजारी हैं तो कुछ लोग "हनुमान" जी के भी भक्त हैं । मगर एक बात सौ प्रतिशत सत्य है कि हर कोई "लक्ष्मी" की पूजा जरूर करता है । ये पूजा सिंघल तो पैदा ही "लक्ष्मी" जी के लिए हुई हैं । तो इन्होंने सारा ध्यान "लक्ष्मी पूजा" पर ही लगा दिया था । तभी तो नोटों का पहाड़ खड़ा कर पाई थी ये । वैसे इसमें उनकी कोई गलती भी नहीं है । देश की गरीबी दूर करने आई थीं न इस सेवा में । तो पहले अपनी गरीबी दूर करेंगी या नहीं ? वही तो कर रहीं थीं बेचारी । गरीबी दूर करना कोई गुनाह है क्या ? लोग बड़े बेकार हो गये हैं यहां के । गरीबी दूर करने पर भी ED से पकड़वा देते हैं ।
सखि, विषय तो बहुत हैं तुमसे बतियने के लिए, मगर समय का भी तो ध्यान रखना है ना । और भी तो काम पड़े हैं , उन्हें भी पूरा करना है न । तो अब चलें ? कल फिर मिलते हैं । ओ के । बाय बाय।
हरिशंकर गोयल "हरि"
9.5.22
kashish
12-Feb-2023 02:35 PM
beautiful
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sunanda
01-Feb-2023 02:52 PM
nice
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Reyaan
11-May-2022 05:16 PM
👌👏👏
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